स्नातक होने के बाद सुभाष चन्द्र बोस ने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा पास की और 1920 में वे भारतीय सिविल सेवा में शामिल हो गए। लेकिन उन्होंने जल्द ही ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ने के लिए सिविल सेवा से इस्तीफा दे दिया। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए और स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लेने लगे।
1930 में सुभाष चन्द्र बोस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें एक साल जेल में रखा गया। रिहा होने के बाद उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1938 और 1939 में दो बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
1939 में सुभाष चन्द्र बोस ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन किया। उन्होंने जापान की मदद से बर्मा और भारत में ब्रिटिश सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी। लेकिन अंततः वे हार गए और उन्हें 1945 में बर्मा में एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई।
सुभाष चन्द्र बोस एक महान देशभक्त और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे आज भी लाखों भारतीयों के लिए एक प्रेरणा हैं।